India Needs You
Sunday, November 5, 2023
Roopmati Love story or Johar?
Friday, December 9, 2022
Kantara Varaaharupam Prelude Notes
Wednesday, August 17, 2022
Expensive Poverty
अंग्रेजी में एक शब्द है "एक्सपेंसिव-पाव
इसका मतलब होता है.... "महंगी- गरीबी" अर्थात...
गरीब दिखने के लिए आपको बहुत खर्चा करना पड़ता है। गांधीजी की गरीबी ऐसी ही थी।
एक बार सरोजनी नायडू ने उनको मज़ाक में कहा भी था कि “आप को गरीब रखना हमें बहुत महंगा पड़ता है !!”
ऐसा क्यों ?......
गांधी जी जब भी तीसरे दर्जे में रेल सफर करते थे तो वह सामान्य तीसरा दर्जा नहीं होता था।
अंग्रेज नहीं चाहते थे की गांधी जी की खराब हालातों में, भीड़ में यात्रा करती हुई तस्वीरें अखबारों में छपे उनको पीड़ित (विक्टिम) कार्ड का लाभ मिले।
इसलिए जब भी वह रेल यात्रा करते थे तो उनको विशेष ट्रेन दी जाती थी जिसमें कुल 3 डिब्बे होते थे.....
जो केवल गांधी जी और उनके साथियों के लिए होते थे, क्योंकि हर स्टेशन पर लोग उनसे मिलने आते थे।
इस सब का खर्चा बाद में गांधीजी के ट्रस्ट की ओर से अंग्रेज सरकार को दे दिया जाता था।
इसीलिए एक बार मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था की .....
“जितने पैसो में मैं प्रथम श्रेणी यात्रा करता हूँ उस से कई गुना में गांधीजी तृतीय श्रेणी की यात्रा करते हैं।”
गांधीजी ने प्रण लिया था कि वे केवल बकरी का दूध पिएंगे। बकरी का दूध आज भी महंगा मिलता है, तब भी महंगा ही था... अपने आश्रम में तो बकरी पाल सकते थे, पर गांधी जी तो बहुत घूमते थे।ज़रूरी नही की हर जगह बकरी का दूध आसानी से मिलता ही हो। इस बात का वर्णन स्वयं गांधीजी की पुस्तकों में है, कैसे लंदन में बकरी का दूध ढूंढा जाता था, महंगे दामों में खरीदा जाता था क्योंकि गांधी जी गरीब थे, वो सिर्फ बकरी का दूध ही पीते थे...
ये बात अलग है कि खुशवंत सिंह ने अपनी किताब में लिखा है कि...
गांधी जी ने दूध के लिए जो बकरियां पाली थी, उनको नित्य साबुन से नहलाया जाता था, उनको प्रोटीन खिलाया जाता था। उनपर 20 रुपये प्रतिदिन का खर्च होता था।
90 साल पहले 20 रुपये मतलब आज हज़ारों रुपये...
बाकी खर्च का तो ऐसा है कि गांधीजी अपने साथ एक दानपात्र रखते थे जिसमें वह सभी से कुछ न कुछ धनराशि डालने का अनुरोध करते थे।
इसके अलावा कई उद्योगपति उनके मित्र उनको चंदा देते थे।
उनका एक न्यास (ट्रस्ट) था जो गांधी के नाम पर चंदा एकत्र करता था।
उनके 75 वें जन्मदिन पर 75 लाख रुपए का चंदा जमा करने का लक्ष्य था, पर एक करोड़ से ज्यादा जमा हुए।
सोने के भाव के हिसाब से तुलना करें तो आज के 650 करोड़ रुपये हुए।
गांधी उतने गरीब भी नहीं थे, जितना हमको घुट्टी पिला पिलाकर रटाया गया है।
Courtesy: https://mbasic.facebook.com/newstonationcom/photos/a.1905457426392497/3288162088122017/?type=3&refid=52&__tn__=EH-R
Thursday, September 9, 2021
Butshikan
Wednesday, April 7, 2021
Divide and rule policy exposed
● शूद्रों को पढ़ाई का अधिकार था।
● उसी जगह पढ़ाई का अधिकार था जहां अन्य वर्ण के लोग पढ़ते थे।
● उसी गुरु से पढ़ने का अधिकार था जिससे अन्य पढ़ते थे
● शूद्रों को राजकाज चलाने का भी अधिकार था। शुद्र वर्ण के लोग भी राजा बन सकते थे।
और इन दुष्ट वामपंथियों ने इतिहास लिखते समय ये लिख दिया कि सनातन धर्म में शूद्रों को पढ़ने का अधिकार नही था।
Tuesday, March 30, 2021
Beejamandal is a ruined temple near Khajuraho Sadly,Also known as Alamgir Mosque
ఒక ఆలయం మీద నిర్మించిన M0sque పై ఒక శివలింగ్ ఎత్తుగా ఉంటుంది
1991 లో ఇంత భారీ వర్షాలు కురిశాయి, ఆలయంపై u రంగజేబ్ నిర్మించిన ఒక మాస్క్ పడిపోయింది & హిందూ దేవతల మూర్తులు కనుగొనబడ్డాయి
బీజమండల్ ఖజురాహో సమీపంలో శిధిలమైన ఆలయం
పాపం, అలంగీర్ మసీదు అని కూడా అంటారు