Sunday, July 30, 2017

Importance of Havan

हवन का महत्व

     फ़्रांस के ट्रेले नामक वैज्ञानिक ने हवन पर रिसर्च की। जिसमे उन्हें पता चला की हवन मुख्यतः आम की लकड़ी पर किया जाता है। जब आम की लकड़ी जलती है तो फ़ॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस उत्पन्न होती है जो की खतरनाक बैक्टीरिया और जीवाणुओ को मारती है तथा वातावरण को शुद्द करती है। इस रिसर्च के बाद ही वैज्ञानिकों को इस गैस और इसे बनाने का तरीका पता चला। गुड़ को जलाने पर भी ये गैस उत्पन्न होती है।

(२) टौटीक नामक वैज्ञानिक ने हवन पर की गयी अपनी रिसर्च में ये पाया की यदि आधे घंटे हवन में बैठा जाये अथवा हवन के धुएं से शरीर का सम्पर्क हो तो टाइफाइड जैसे खतरनाक रोग फ़ैलाने वाले जीवाणु भी मर जाते हैं और शरीर शुद्ध हो जाता है।

(३) हवन की महत्ता देखते हुए राष्ट्रीय वनस्पति अनुसन्धान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों ने भी इस पर एक रिसर्च की क्या वाकई हवन से वातावरण शुद्द होता है और जीवाणु नाश होता है अथवा नही. उन्होंने ग्रंथो. में वर्णित हवन सामग्री जुटाई और जलाने पर पाया की ये विषाणु नाश करती है। फिर उन्होंने विभिन्न प्रकार के धुएं पर भी काम किया और देखा की सिर्फ आम की लकड़ी १ किलो जलाने से हवा में मौजूद विषाणु बहुत कम नहीं हुए पर जैसे ही उसके ऊपर आधा किलो हवन सामग्री डाल कर जलायी गयी एक घंटे के भीतर ही कक्ष में मौजूद बॅक्टेरिया का स्तर ९४ % कम हो गया। यही नही. उन्होंने आगे भी कक्ष की हवा में मौजुद जीवाणुओ का परीक्षण किया और पाया की कक्ष के दरवाज़े खोले जाने और सारा धुआं निकल जाने के २४ घंटे बाद भी जीवाणुओ का स्तर सामान्य से ९६ प्रतिशत कम था। बार बार परीक्षण करने पर ज्ञात हुआ की इस एक बार के धुएं का असर एक माह तक रहा और उस कक्ष की वायु में विषाणु स्तर 30 दिन बाद भी सामान्य से बहुत कम था।
यह रिपोर्ट एथ्नोफार्माकोलोजी के शोध पत्र (resarch journal of Ethnopharmacology 2007) में भी दिसंबर २००७ में छप चुकी है।
रिपोर्ट में लिखा गया की हवन के द्वारा न सिर्फ मनुष्य बल्कि वनस्पतियों फसलों को नुकसान पहुचाने वाले बैक्टीरिया का नाश होता है। जिससे फसलों में रासायनिक खाद का प्रयोग कम हो सकता है।

क्या हो हवन की समिधा (जलने वाली लकड़ी):-👇

समिधा के रूप में आम की लकड़ी सर्वमान्य है परन्तु अन्य समिधाएँ भी विभिन्न कार्यों हेतु प्रयुक्त होती हैं। सूर्य की समिधा मदार की, चन्द्रमा की पलाश की, मङ्गल की खैर की, बुध की चिड़चिडा की, बृहस्पति की पीपल की, शुक्र की गूलर की, शनि की शमी की, राहु दूर्वा की और केतु की कुशा की समिधा कही गई है।
मदार की समिधा रोग को नाश करती है, पलाश की सब कार्य सिद्ध करने वाली, पीपल की प्रजा (सन्तति) काम कराने वाली, गूलर की स्वर्ग देने वाली, शमी की पाप नाश करने वाली, दूर्वा की दीर्घायु देने वाली और कुशा की समिधा सभी मनोरथ को सिद्ध करने वाली होती है।
हव्य (आहुति देने योग्य द्रव्यों) के प्रकार
प्रत्येक ऋतु में आकाश में भिन्न-भिन्न प्रकार के वायुमण्डल रहते हैं। सर्दी, गर्मी, नमी, वायु का भारीपन, हलकापन, धूल, धुँआ, बर्फ आदि का भरा होना। विभिन्न प्रकार के कीटणुओं की उत्पत्ति, वृद्धि एवं समाप्ति का क्रम चलता रहता है। इसलिए कई बार वायुमण्डल स्वास्थ्यकर होता है। कई बार अस्वास्थ्यकर हो जाता है। इस प्रकार की विकृतियों को दूर करने और अनुकूल वातावरण उत्पन्न करने के लिए हवन में ऐसी औषधियाँ प्रयुक्त की जाती हैं, जो इस उद्देश्य को भली प्रकार पूरा कर सकती हैं।

होम द्रव्य -

होम-द्रव्य अथवा हवन सामग्री वह जल सकने वाला पदार्थ है जिसे यज्ञ (हवन/होम) की अग्नि में मन्त्रों के साथ डाला जाता है।

(१) सुगन्धित : केशर, अगर, तगर, चन्दन, इलायची, जायफल, जावित्री छड़ीला कपूर कचरी बालछड़ पानड़ी आदि

(२) पुष्टिकारक : घृत, गुग्गुल ,सूखे फल, जौ, तिल, चावल शहद नारियल आदि

(३) मिष्ट - शक्कर, छूहारा, दाख आदि

(४) रोग नाशक -गिलोय, जायफल, सोमवल्ली ब्राह्मी तुलसी अगर तगर तिल इंद्रा जव आमला मालकांगनी हरताल तेजपत्र प्रियंगु केसर सफ़ेद चन्दन जटामांसी आदि

उपरोक्त चारों प्रकार की वस्तुएँ हवन में प्रयोग होनी चाहिए। अन्नों के हवन से मेघ-मालाएँ अधिक अन्न उपजाने वाली वर्षा करती हैं। सुगन्धित द्रव्यों से विचारों शुद्ध होते हैं, मिष्ट पदार्थ स्वास्थ्य को पुष्ट एवं शरीर को आरोग्य प्रदान करते हैं, इसलिए चारों प्रकार के पदार्थों को समान महत्व दिया जाना चाहिए। यदि अन्य वस्तुएँ उपलब्ध न हों, तो जो मिले उसी से अथवा केवल तिल, जौ, चावल से भी काम चल सकता है।

सामान्य हवन सामग्री -

तिल, जौं, सफेद चन्दन का चूरा , अगर , तगर , गुग्गुल, जायफल, दालचीनी, तालीसपत्र , पानड़ी , लौंग , बड़ी इलायची , गोला , छुहारे नागर मौथा , इन्द्र जौ , कपूर कचरी , आँवला ,गिलोय, जायफल, ब्राह्मी.

Tuesday, July 25, 2017

Know the Flax seeds importance

*अलसी(जवस) एक  चमत्कारी औषधी*
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विविध नाम :-
अलसी, फ्लेक्स सीड्स (Flax Seeds), लिन सिड्स वगैरा उसके नाम हैं।

💥 दोस्तो अलसी से सभी
परिचित होंगे लेकिन उसके चमत्कारी फायदे से बहुत ही कम लोग जानते हैं।
💥 मै डाक्टर वंदना चौहानआज अलसी के फायदे जो बता रही हूॅ उनसे आप जरुर रोग मुक्त हो जायेगें।

☘ अलसी शरीर को स्वस्थ रखती है व आयु बढ़ाती है। अलसी में 23 प्रतिशत ओमेगा-3 फेटी एसिड, 20 प्रतिशत प्रोटीन, 27 प्रतिशत फाइबर, लिगनेन, विटामिन बी ग्रुप, सेलेनियम, पोटेशियम, मेगनीशियम, जिंक आदि होते हैं।

💥  अलसी में रेशे भरपूर 27% पर शर्करा 1.8% यानी नगण्य होती है। इसलिए यह शून्य-शर्करा आहार कहलाती है और मधुमेह रोगियों के लिए आदर्श आहार है।

💥 *ब्लड शुगर* 💥
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☘ अगर किसीको ब्लड शुगर, (डायाबिटिज) की तकलीफ है तो आपके लिये अलसी किसी वरदान से कम नहीं है।

👉 सुबह खाली पेट २ चमच अलसी लेकर, २ ग्लास पानी मे उबालै जब आधा पानी बचे तब छानकर पियें।

☘ *थाईराईड*  ☘
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👉 सुबह खाली पेट २ चमच अलसी लेकर २ ग्लास पानी में उबालै जब आधा पानी बचे तब छानकर पियें।

👉 यह दोनो प्रकार के थाईराईड मे बढिया काम करती है।

☘ *हार्ट ब्लोकेज* ☘
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👉 ३ महिना अलसी का काढा उपर बताई गई विधि के अनुसार करने से आपको ऐन्जियोप्लास्टि कराने की जरुरत नहीं पडती।

☘ *लकवा, पैरालिसीस* ☘
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👉 पेरालिसीस होने पर ऊपर बताई गई विधि से काढा पीने से लकवा ठीक हो जाता है।

☘ बालों का गिरना ☘
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👉 अलसी को आधा चमच रोज सुबह खाली पेट सेवन करने से बाल गिरने बंद हो जाते हैं।

   ☘ *जोडो का ददँ* ☘
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अलसी का काढा पीने से जोडो का दर्द दूर हो जाता है। साईटिका, नस का दबना वगैरा मे लाभकारी।

☘ *अतिरिक्त वजन*  ☘
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👉 अलसी का काढा पीने से शरीर का अतिरिक्त मेद दूर होता है।  नित़्य इसका सेवन करें, निरोगी रहे।

☘ *केन्सर* ☘
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👉 किसी भी प्रकार के केन्सर मे अलसी का काढा सुबह शाम दो बार पिऐ जिससे असाधारण लाभ निश्चीत है।

☘ *पेट की समस्या*☘
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👉 जिन लोगों को बार बार पेट के जुडे रोग होते हैं उनके लिये अलसी रामबाण ईलाज है। अलसी कब्ज, पेट का दर्द आदि में फायदाकारक है।

☘ *बालों का सफेद होना* ☘
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👉 १ व्यक्ति ने मुझे बताया कि उसने मेरे बताने के अनुसार ३ महिने अलसी का काढा पीया तो उसके सफेद बाल भी धीरे धीरे काले होने लगे।

☘ *सुस्ति, आलस, कमजोरी* ☘
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👉 अलसी का काढा पीने से सुस्ती, थकान, कमजोरी दूर होती है।

☘ *किसी भी प्रकार की गांठ* ☘
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👉 सुबह शाम दो समय अलसी का काढा बनाकर पीने से शरीर में होने वाली किसी भी प्रकार की गांठ ठीक हो जाती है।

☘ *श्वास - दमा कफ, ऐलजीँ* ☘
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👉 अलसी का काढा रोज सुबह शाम २ बार लेने से श्वास, दमा, कफ, ऐलजीँ के रोग ठीक हो जाते हैं।

☘ *ह्दय की कमजोरी* ☘
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👉 ह्दय से जुड़ी किसी भी समस़्या मे अलसी का काढा रामबाण ईलाज है।

👉 जिन लोगों को ऊपर बताई गई समस़्या में से १ भी तकलीफ है तो आपके पास ईसका रामबाण ईलाज के रुप में अलसी का काढा है। क्रपया आप इसका सेवन करें आैर स्वस्थ रहें।

🍀 कैसे बनायें काढा 🍀
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👉 २ चमच अलसी + 3 ग्लास पानी मिक्स करके उबालें। जब अाधा पानी बचे तब छानकर पियें।

🍀 इस प्रयोग से असंख्य लोगों को बहुत ही लाभ मिला है।

🍀 कृपया इसे आगे शेयर करें। 🍀

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Friday, July 21, 2017

Chemical free Banana?

เค•ेเคฒे เค–เคฐीเคฆเคจे เคฎें เคฌเคฐเคคें เคธाเคตเคงाเคจी-
30/- เคธे 40/- เคฐु เคฆเคฐ्เคœ़เคจ เค•ी เคฆเคฐ เคธे เคฎृเคค्เคฏु เคฌेเคšी เคœा เคฐเคนी เคนै। เคธเคฌเคธे เคตिเคจเคคी เคนै เค•ि เค•ेเคฒे เค–เคฐीเคฆเคคे เคธเคฎเคฏ เคธाเคตเคงाเคจ เคฐเคนें ।
เคนเคฎ เคธเคญी เค•ेเคฒे เคชเคธंเคฆ เค•เคฐเคคे เคนैं เค”เคฐ เค‡เคจเค•ा เคญเคฐเคชूเคฐ เคธ्เคตाเคฆ เค‰เค ाเคคे เคนैं เคชเคฐंเคคु เค…เคญी เคฌाเคœ़ाเคฐ เคฎें เค†เคจे เคตाเคฒे เค•ेเคฒे  เค•ाเคฐ्เคฌाเค‡เคกเคฏुเค•्เคค เคชाเคจी เคฎें เคญिเค—ाเค•เคฐ เคชเค•ाเค เคœा เคฐเคนे เคนैं , เค‡เคธ เคช्เคฐเค•ाเคฐ เค•े เค•ेเคฒे เค–ाเคจे เคธे 100% เค•ॅเคจ्เคธเคฐ เคฏा เคชेเคŸ เค•ा เคตिเค•ाเคฐ เคนो เคธเค•เคคा เคนै.  เค‡เคธเคฒिเค เค…เคชเคจी เคฌुเคฆ्เคงि เค•ा เค‡เคธ्เคคेเคฎाเคฒ เค•เคฐें เค”เคฐ เคเคธे เค•ेเคฒे เคจा เค–ाเคँ।

เคชเคฐंเคคु เค•ेเคฒे เค•ो เค•ाเคฐ्เคฌाเค‡เคก เค•ा เค‰เคชเคฏोเค— เค•เคฐเค•े เคชเค•ाเคฏा เคนै เค‡เคธे เค•ैเคธे เคชเคนเคšाเคจेंเค—े :-
เคฏเคฆि เค•ेเคฒे เค•ो เคช्เคฐाเค•ृเคคिเค• เคคเคฐीเค•े เคธे เคชเค•ाเคฏा เคนै เคคो เค‰เคธเค•ा เคกंเค เคฒ เค•ाเคฒा เคชเคก เคœाเคคा เคนै  เค”เคฐ เค•ेเคฒे เค•ा เคฐंเค— เค—เคฐ्เคฆ เคชीเคฒा เคนो เคœाเคคा เคนै । เค•ृเคชเคฏा เคจीเคšे เคฆिเค เคซोเคŸो เค•ो เคฆेเค–ें เคธाเคฅ เคนी เค•ेเคฒे เคชเคฐ เคฅोเคก़े เคฌเคนुเคค เค•ाเคฒे เคฆाเค— เคฐเคนเคคे เคนैं । เคชเคฐंเคคु เคฏเคฆि เค•ेเคฒे เค•ो เค•ाเคฐเคฌाเค‡เคก เค•ा เค‡เคธ्เคคेเคฎाเคฒ เค•เคฐเค•े เคชเค•ाเคฏा เค—เคฏा เคนै เคคो เค‰เคธเค•ा เคกंเค เคฒ เคนเคฐा เคนोเค—ा เค”เคฐ เค•ेเคฒे เค•ा เคฐंเค— เคฒेเคฎเคจ เคฏเคฒो เค…เคฐ्เคฅाเคค เคจींเคฌुเคˆ เคชीเคฒा เคนोเค—ा เค‡เคคเคจा เคนी เคจเคนी เคเคธे เค•ेเคฒे เค•ा เคฐंเค— เคเค•เคฆเคฎ เคธाเคซ เคชीเคฒा เคนोเคคा เคนै เค‰เคธเคฎे เค•ोเคˆ เคฆाเค— เคงเคฌ्เคฌे เคจเคนीं เคนोเคคे เค•ृเคชเคฏा เคจीเคšे เคฆिเค เคซोเคŸो เค•ो เคฆेเค–ें।
เค•ाเคฐเคฌाเค‡เคก เค†เค–़िเคฐ เค•्เคฏा เคนै , เคฏเคฆि เค•ाเคฐเคฌाเค‡เคก เค•ो เคชाเคจी เคฎें เคฎिเคฒाเคँเค—े เคคो เค‰เคธเคฎें เคธे เค‰เคท्เคฎा (เคนीเคŸ) เคจिเค•เคฒเคคी เคนै เค”เคฐ เค…เคธ्เคฏเคคेเคฒเคเคจे เค—ॅเคธ เค•ा เคจिเคฐ्เคฎाเคฃ เคนोเคคा เคนै เคœिเคธเคธे เค—ाँเคต เคฆेเคนाเคคों เคฎें เค—ॅเคธ เค•เคŸिंเค— เค‡เคค्เคฏाเคฆि เค•ा เค•ाเคฎ เคฒिเคฏा เคœाเคคा เคนै เค…เคฐ्เคฅाเคค เค‡เคธเคฎें เค‡เคคเคจी เค•ॅเคฒॉเคฐिเคซिเค• เคตॅเคฒ्เคฏू เคนोเคคी เคนै  เค•ी เค‰เคธเคธे เคเคฒ เคชी เค—ी เค—ॅเคธ เค•ो เคญी เคช्เคฐเคคिเคธ्เคฅाเคชिเคค เค•िเคฏा เคœा เคธเค•เคคा เคนै . เคœเคฌ เค•िเคธी เค•ेเคฒे เค•े เค—ुเคš्เค›े เค•ो เคเคธे เค•ेเคฎिเค•เคฒ เคฏुเค•्เคค เคชाเคจी เคฎें เคกुเคฌाเคฏा เคœाเคคा เคนै เคคเคฌ เค‰เคท्เคฃเคคा  เค•ेเคฒों เคฎें เค‰เคคเคฐเคคी เคนै เค”เคฐ เค•ेเคฒे เคชเค• เคœाเคคे เคนैं , เค‡เคธ เคช्เคฐเค•्เคฐिเคฏा เค•ो เค‰เคชเคฏोเค— เค•เคฐเคจे เคตाเคฒे เคต्เคฏाเคชाเคฐी เค‡เคคเคจे เคนोเคถिเคฏाเคฐ เคจเคนीं เคนोเคคे เคนैं เค•ि เค‰เคจ्เคนें  เคชเคคा เคนो เค•ी เค•िเคธ เคฎाเคค्เคฐा เค•े เค•ेเคฒों เค•े เคฒिเค เค•िเคคเคจे เคคाเคฆाเคฆ เคฎें เค‡เคธ เค•ेเคฎिเค•เคฒ เค•ा เค‰เคชเคฏोเค—  เค•เคฐเคจा เคนै เคฌเคฒ्เค•ि เคตे เค‡เคธเค•ा เค…เคจिเคฐ्เคฌाเคง เคช्เคฐเคฏोเค—  เค•เคฐเคคे เคนैं เคœिเคธเคธे เค•ेเคฒों เคฎें เค…เคคिเคฐिเค•्เคค เค‰เคท्เคฃเคคा เค•ा เคธเคฎाเคตेเคถ เคนो เคœाเคคा เคนै เคœो เคนเคฎाเคฐे เคชेเคŸ เคฎें เคœाเคคा เคนै เคœिเคธเคธे เค•ि :-
1. เคชाเคšเคจ्เคคเคจ्เคค्เคฐ เคฎें เค–เคฐाเคฌी เค†เคจा เคถुเคฐू เคนो เคœाเคคी เคนै , 2. เค†เค–ों เคฎें เคœเคฒเคจ , 3. เค›ाเคคी เคฎें เคคเค•เคฒीเคซ़ , 4. เคœी เคฎिเคšเคฒाเคจा , 5. เคชेเคŸ เคฆुเค–เคจा , 6. เค—เคฒे เคฎैं เคœเคฒเคจ , 7. เค…เคฒ्เคธเคฐ , 8. เคคเคฆुเคชเคฐांเคค เคŸ्เคฏूเคฎเคฐ เค•ा เคจिเคฐ्เคฎाเคฃ เคญी เคนो เคธเค•เคคा เคนै ।
เค‡เคธीเคฒिเค เค…เคจुเคฐोเคง เคนै เค•ी เค‡เคธ เคช्เคฐเค•ाเคฐ เค•े เค•ेเคฒों เค•ा เคฌเคนिเคท्เค•ाเคฐ เค•िเคฏा เคœाเค , เค‡เคธी เคคเคฐीเค•े เคธे เค†เคฎों เค•ो เคญी เคชเค•ाเคฏा เคœा เคฐเคนा เคนै เคชเคฐंเคคु เคœाเค—เคฐूเค•เคคा เคธे เคฎเคนाเคฐाเคท्เคŸ्เคฐ เคฎें เค‡เคธ เคตเคฐ्เคท เคฒोเค—ों เคจे เค•เคฎ เค†เคฎ เค–ाเค เคคเคฌ เคœा เค•े เค†เคฎ เค•े เคต्เคฏाเคชाเคฐिเคฏों เค•ी เค†เค–ें เค–ुเคฒी , เค…เคคः เคฏเคฆि เค•ाเคฐเคฌाเค‡เคก เคธे เคชเค•े เค•ेเคฒों เค”เคฐ เคซเคฒों เค•ा เคญी เคนเคฎ เคธंเคชूเคฐ्เคฃ เคฐूเคช เคธे เคฌเคนिเคท्เค•ाเคฐ เค•เคฐेंเค—े เคคो เคนी เคนเคฎें เคจैเคธเคฐ्เค—िเค• เคคเคฐीเค•े เคธे เคชเค•े เคธ्เคตाเคธ्เคฅ्เคฏเคตเคฐ्เคงเค• เค•ेเคฒे เค”เคฐ เคซเคฒ เคฌेเคšเคจे เคนेเคคु เคต्เคฏाเคชाเคฐी เคฌाเคง्เคฏ เคนोंเค—े เค…เคจ्เคฏเคฅा เคนเคฎाเคฐा เคธ्เคตाเคธ्เคฅ्เคฏ เค–़เคคเคฐे เคฎैं เคนै เคฏे เคธเคฎเคा เคœाเค।
เคชोเคธ्เคŸ เคถेเคฏเคฐ เค•เคฐ เคฒोเค—ों เค•ो เคœाเค—เคฐूเค• เค•เคฐें เค”เคฐ เคคुเคฐंเคค เคชेเคœ เคฒाเค‡เค•√เค•เคฐें...

Monday, July 17, 2017

Onion usage - เคช्เคฏाเคœ

मानो या ना मानो यह पूर्णतया सत्य है।देर से कटी प्याज का कभी उपयोग ना करें।प्याज हमेशा तुरंत काट कर खाएं।कटी रखी प्याज दस मिनिट में अपने आस पास के सारे कीटाणु अवसोशित कर लेती है।यह वेज्ञानिक तौर पर सिद्ध हो चुका है।जब भी किसी मौसमी बीमारी का प्रकोप फैले घर में सुबह शाम हर कमरें में प्याज काट कर रख दें।बाद में उसे फैंक दें।सुरक्षित बने रहेंगें।

"प्याज "के संबध में महत्वपूर्ण जानकारी -अवश्य पढ़े
सन 1919 में फ्लू से चार करोड़ लोग मारे जा चुके थे तब एक डॉक्टर कई किसानों से उनके घर इस प्रत्याशा में मिला कि वो कैसे इन किसानों को इस महामारी से लड़ने में सहायता कर सकता है। बहुत सारे किसान इस फ्लू से ग्रसित थे और उनमें से बहुत से मारे जा चुके थे।
डॉक्टर जब इनमें से एक किसान के संपर्क में आया तो उसे ये जान कर बहुत आश्चर्य हुआ जब उसे ये ज्ञात हुआ कि सारे गाँव के फ्लू से ग्रसितहोने के बावजूद ये किसान परिवार बिलकुल  बिलकुल स्वस्थ्य था तब डॉक्टर को ये जानने की इच्छा जाएगी कि ऐसा इस किसान परिवार ने सारे गाँव से हटकर क्या किया कि वो इस भंयकर महामारी में भी स्वस्थ्य थे। तब किसान की पत्नी ने उन्हें बताया कि उसने अपने मकान के दोनों कमरों में एक प्लेट में बिना छिली प्याज रख दी थी तब डॉक्टर ने प्लेट में रखी इन प्याज को माइक्रोस्कोप से देखा तो उसे इस प्याज में उस घातक फ्लू के बैक्टेरिया मिले जो संभवतया इन प्याज द्वारा अवशोषित कर लिए गए थे और शायद यही कारण था कि इतनी बड़ी महामारी में ये परिवार बिलकुल स्वस्थ्य क्योंकि फ्लू के वायरस इन प्याज द्वारा सोख लिए गए थे।
जब मैंने अपने एक मित्र जो अमेरिका में रहते थे और मुझे हमेशा स्वास्थ्य संबधी मुद्दों पर  बेहद ज्ञानवर्धक जानकारी भेजते रहते हैं तब उन्होंने प्याज के संबध में बेहद महत्वपूर्ण जानकारी/अनुभव मुझे भेजा । उनकी इस बेहद रोचक कहानी के लिए धन्यवाद। क्योंकि मुझे इस  किसान वाली कहानी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
जब मैं न्यूमोनिया से ग्रसित था और कहने की आवश्यकता नहीं थी कि मैं बहुत कमज़ोर महसूस कर रहा था तब मैंने एक लेख पढ़ा था जिसमें ये बताया गया था कि प्याज को बीच से काटकर रात में  न्यूमोनिया से ग्रस्त मरीज़ के कमरे में एक जार में रख दिया गया था और सुबह यह देख कर बेहद आश्चर्य हुआ कि प्याज सुबह कीटाणुओं की वज़ह से  बिलकुल काली हो गई थी
तब मैंने भी अपने कमरे में वैसे ही किया और देखा अगले दिन प्याज बिलकुल काली होकर खराब हो चुकी थी और मैं काफी स्वस्थ्य महसूस कर रहा था।

कई बार हम पेट की बीमारी से दो चार होते है तब हम इस बात से अनजान रहते है कि इस बीमारी के लिए किसे दोषी ठहराया जाए। तब नि :संदेह प्याज को इस बीमारी के लिए दोषी ठहराया जा सकता है ,
प्याज बैक्टेरिया को अवशोषित कर लेती है यही कारण है कि अपने इस गुण के कारण प्याज हमें ठण्ड और फ्लू से बचाती है
अत :वे प्याज बिलकुल नहीं खाना चाहिए जो बहुत देर पहल काटी गई हो और प्लेट में रखी गई हों। ये जान लें कि "काट कर रखी गई प्याज बहुत विषाक्त होती हैं "

जब कभी भी फ़ूड पॉइसनिंग के केस अस्पताल में आते हैं तो सबसे पहले इस बात की जानकारी ली जाती कि मरीज़ ने अंतिम बार प्याज कब खाई थी. और वे प्याज कहाँ से आई थीं ,(खासकर सलाद में )
तब इस बीमारी के लिए या तो प्याज दोषी हैं या काफी देर पहले कटे हुए "आलू "
प्याज बैक्टेरिया के लिए "चुंबक "की तरह काम करती  हैं खासकर कच्ची प्याज।

आप कभी भी थोड़ी सी भी  कटी हुई प्याज को देर तक रखने की गलती न करे ये बेहद खतरनाक हैं
यहाँ तक कि किसी बंद थैली में इसे रेफ्रिजरेटर में रखना भी  सुरक्षित नहीं है।
प्याज ज़रा सी काट देने पर ये बैक्टेरिया से ग्रसित हो सकती है औए आपके लिए खतरनाक हो सकती है। यदि आप कटी हुई प्याज को सब्ज़ी बनाने के लिए उपयोग कर रहें हो तब तो ये ठीक है मगर यदि आप कटी हुई प्याज अपनी ब्रेड पर रख कर खा रहें है तो ये बेहद खतरनाक है ऐसी स्थिति में आप मुसीबत को न्योता दे रहें हैं। याद रखे कटी हुई प्याज और कटे हुए आलू की नमी बैक्टेरिया को तेज़ी से  पनपने में बेहद सहायक होता है। कुत्तों  को  कभी भी प्याज नहीं खिलाना चाहिए  क्योंकि प्याज को  उनका पेट का मेटाबोलिज़ कभी भी   नहीं पचाता। -

कृपया ध्यान रखे कि "प्याज को काट कर अगले दिन सब्ज़ी बनाने के लिए नहीं रखना चाहिए क्योंकि ये बहुत खतरनाक है यहाँ तक कि कटी हुई प्याज एक रात में बहुत विषाक्त हो जाती है क्योंकि ये टॉक्सिक बैक्टेरिया बनाती है जो पेट खराब करने के लिए पर्याप्त रहता है "

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Thursday, July 6, 2017

Isreal Prime Minister

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू .. स्पेशल फोर्सेज में कमांडो रहे है .. और वियतनाम युद्ध में बहादुरी से लडे है .. और अमेरिका का दूसरा सर्वोच्च सैनिक सम्मान भी मिला है ... युगांडा के एक ओपरेशन में इनके सगे भाई की मौत हो गयी थी .. इनके भाई भी एक कमांडो थे.